प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राष्ट्र को सम्बोधन (12 मई 2020) में आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की शुरुआत कर दी है| इस आत्मनिर्भर भारत अभियान 2020 के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा कर दी है|
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आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक पैकेज | Aatma Nirbhar Bharat Abhiyaan (Self Reliant India Initiative and Package) – आइये जानें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान (PM Aatmanirbhar Bharat Abhiyan) 2020 के लाभ, आर्थिक पैकेज, पात्रता व ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बारे में।
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार से उबारने के लिए दिनांक 12 मई 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक राहत पैकेज, आत्मनिर्भर भारत अभियान (PM Atmanirbhar Bharat Abhiyan) की शुरुआत की गई है, PM Modi द्वारा इस आत्मनिर्भर भारत अभियान 2020 (Aatm Nirbhar Yojana) के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है, जो देश की जीडीपी का लगभग 10% है घोषित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मानना है की कोविड-19 महामारी जैसी संकट से लड़ने में आत्मनिर्भर भारत अभियान (PM Aatmnirbhar Bharat Yojana) निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और एक आधुनिक भारत की पहचान बनेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देशय – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया आत्मनिर्भर भारत अभियान कोविड-19 महामारी से हुये आर्थिक नुकसान और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस योजना अथवा अभियान के तहत भारत सरकार सभी भारतवासियों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है जिसके लिए सरकार ने कई नए कदम उठाए हैं जिनका विवरण इस लेख में नीचे दिया गया है।
कोरोना वायरस के लॉकडाउन के दूसरे चरण में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2020 शुरू की गई थी जिसके लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था इतने ही करोड़ के पैकेज की घोषणा रिजर्व बैंक ने भी करी थी। आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को निर्माण, व्यावसायिक हब बनाना है जहां पर निर्यात के साथ स्वदेशी को भी ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज – Aatmanirbhar Bharat Abhiyaan Package
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने वाले सभी श्रमिक / दिहाड़ी मजदूर, किसान, वे लोग जो छोटी-छोटी दुकान लगाते हैं, रेहड़ी – रिक्शा वाले, कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मँझले उद्योग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), मध्यम वर्ग के लोग और उच्च वर्ग के सभी लोगों के लिए किसी न किसी प्रकार की राहत लेकर आई है।
किस क्षेत्र को कितना पैसा मिलेगा
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किस किस क्षेत्र के लिए कितने कितने रुपए का प्रावधान किया गया है वो सब इस टेबल में दिया हुआ है।
घोषणा | लागत (करोड़ रूपये में) |
---|---|
RBI द्वारा दी गयी राहतें | 8,01,603 |
22 मार्च 2020 से कर रियायतें | 7,800 |
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज | 170,000 |
स्वास्थय क्षेत्र के लिए पीएम की घोषणा | 15,000 |
MSME सहित व्यवसायों के लिए W/C सुविधा | 3,00,000 |
तनवग्रस्त MSME के लिए Subordinate Loan | 20,000 |
MSME के लिए फ़ंड ऑफ फंड्स | 50,000 |
व्यापार और एमएसएमई के लिए EPF समर्थन | 2800 |
EPF दरों में कमी | 6,750 |
NBFC / HFC / MFI के लिए विशेष liquidity योजना | 30,000 |
NBFC / HFC / MFI के देनदाताओं के लिए आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0 | 45,000 |
DISCOMs के लिए Liquidity | 90,000 |
TDS/TCS दरों में कमी | 50,000 |
दो महीने से फंसे हुये प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त अनाज की सुविधा | 3,500 |
MUDRA शिशु ऋण के लिए ब्याज में छूट | 1,500 |
स्ट्रीट वेंडेर्स को विशेष क्रेडिट सुविधा | 5,000 |
PMAY CLSS-MIG योजना के लिए | 70,000 |
नाबार्ड के माध्यम से अतिरिक्त आपातकालीन वर्किंग कैपिटल | 30,000 |
KCC के माध्यम से अतिरिक्त क्रेडिट | 2,00,000 |
माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज़ | 10,000 |
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना | 20,000 |
टॉप से टोटल तक – ऑपरेशन ग्रीन्स | 500 |
एग्रिकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड | 1,00,000 |
एनिमल हज़्बैंड्री इनफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट फ़ंड | 15,000 |
हर्बल खेती को बढ़ावा | 4,000 |
मधुमख्खी पालन की पहल | 500 |
विएबिलिटी गैप फंडिंग | 8,100 |
अतिरिक्त MGNREGS आवंटन | 40,000 |
कुल योग | 20,97,053 |
आत्मनिर्भर भारत अभियान – मुख्य घोषणाएँ (पार्ट 1)
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए अभी तक लगभग 15 घोषणाएँ की हैं जो कि इस प्रकार हैं
सूक्ष्म और लघु उद्योगों (MSME’s) के लिए
- 3 लाख करोड़ रुपए का लोन पैकेज – केंद्र सरकार सभी सूक्ष्म और लघु उद्योगों को 4 वर्ष के लिए बिना किसी जमानत के (Collateral Free Automatic Loan) लोन उपलब्ध कराएगी। इस लोन योजना में 12 महीने का moratorium भी दिया जाएगा। इस लोन योजना का लाभ लगभग 12 करोड़ दैनिक कर्मचारियों को होगा।
- करीब 2 लाख सूक्ष्म और लघु उद्योगों को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या फिर एनपीए हैं उनके लिए 20 हजार करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी।
- Rs. 50,000 crore of equity infusion into those who have potential and doing viable business.
- एमएसएमई की नई परिभाषा – एमएसएमई के लिए इनवेस्टमेंट की लिमिट को बढ़ाया जाएगा, टर्नओवर आकार को भी बढ़ाया जा सकता है। सेवा और विनिर्मान (Service and Manufacturing) एमएसएमई के अंतर को हटाया जाएगा।
- 200 करोड़ रुपए तक के ग्लोबल टेंडर को अनुमति नहीं – 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद निविदाएं (टेंडर) अब वैश्विक निविदा समूह पर नहीं होंगी
- एमएसएमई सैक्टर में ई-कॉमर्स कोबढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जाएँगे।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के लिए
- जिन कंपनियों में 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और जिनमें से कम से कम 90% का वेतन 15000 रुपए से कम है, सरकार अगले 3 महीने (जून, जुलाई और अगस्त 2020) के लिए उनके कर्मचारियों का ईपीएफ़ खुद भरेगी। लगभग 2500 करोड़ रुपए के इस पैकेज का फायदा देश के लगभग 72 लाख कर्मचारियों को होगा।
- कुछ उद्योगों के लिए ईपीएफ़ योगदान को अगले 3 महीने के लिए 12% से कम करके 10% कर दिया गया है। सरकार के अधीन आने वाले सभी उद्योगों (सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम) और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से अगले 3 महीने के लिए पूरा ईपीएफ़ सरकार भरेगी। इसके लिए सरकार ने 6750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
हाउसिंग फ़ाइनेंस कार्पोरेशन, माइक्रो फ़ाइनेंस संस्थानों और नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कार्पोरेशन के लिए
- 30000 करोड़ रुपए की Liquidity investement facility देश भर में सभी हाउसिंग फ़ाइनेंस कार्पोरेशन, माइक्रो फ़ाइनेंस संस्थानों और नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कार्पोरेशन के लिए के लिए उपलब्ध होगी।
- नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कार्पोरेशन के लिए सरकार 45000 करोड़ रुपए के बजट के साथ Partial Credit Guarantee Scheme 2.0 की शुरुआत करेगी।
DISCOMS के लिए
- पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियाँ जो DISCOMS के अंदर आती हैं उनके लिए 90000 करोड़ रुपए का Emergency Liquidity Injection
ठेकेदारों अथवा Contractors के लिए
- सभी सरकारी ऐजंसी जैसे कि रेलवे सभी ठेकेदारों अथवा Contractors को 6 महीने की रियायत देंगी।
रियल-इस्टेट के लिए
- रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए रेरा (RERA) रजिस्ट्रेशन और completion की तारीख को 6 महीने के लिए बढ़ाया जाएगा।
कर (Tax) के क्षेत्र के लिए
- सभी प्रकार के TCS / TDS को 14 मई 2020 से 31 मार्च 2021 तक 25% कम किया गया है।
- सभी LLP, चैरिटेबल, Professionals, partnerships and proprietorship firms का बकाया टैक्स रिफ़ंड तुरंत किया जाएगा। Income Tax जमा करने की अंतिम तिथि को 30 नवम्बर तक बढ़ाया गया और tax receipts डेट को 31 October 2020 तक।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पार्ट 1 PDF
Central Government Schemes 2020-2021केंद्र सरकारी योजना हिन्दीPopular Schemes in Central:Narendra Modi Schemes ListNREGA Job Card ListPM Awas Yojana Gramin (PMAY-G)

आत्मनिर्भर भारत अभियान – मुख्य घोषणाएँ (पार्ट 2)
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पार्ट 2 में भारत सरकार ने प्रवासी मजदूर, किसानों और गरीबों के लिए कई घोषणाएँ की हैं जो कि इस प्रकार हैं।
प्रवासी मजदूरों के लिए
- देश भर में सभी प्रवासी मजदूरों और गरीबों को अगले 2 महीने के लिए मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जाएगा जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। इसमें वो सभी लोग भी शामिल हैं जिनके पास NFSA राशन कार्ड नहीं है या फिर राज्य की राशन कार्ड लिस्ट में भी जिंका नाम नहीं है।
- देश भर में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को 31 मार्च 2021 तक सम्पूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा जिसके तहत कोई भी राशन कार्ड होल्डर देश भर में किसी भी राशन वितरण केंद्र से राशन ले सकेगा।
- केंद्र सरकार देश भर में प्रवासी मजदूरों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम लेकर आएगी जिसके तहत प्रवासी मजदूर जहां कहीं भी रहेंगे उन्हें वहीं पर रहने के लिए सस्ते किराये वाले मकान उपलब्ध कराये जाएँगे।
मुद्रा लोन योजना के लाभार्थियों के लिए
- मुद्रा लोन योजना के तहत शिशु लोन धारकों को अगले 12 महीने तक 2% तक की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी बशर्ते के वो समय पर किस्त का भुगतान करें।
फेरीवालों (Street Vendors) के लिए
- करीब 50 लाख फेरी वालों (Street Vendors) के लिए 5000 करोड़ रुपए की सहायता का प्रावधान है। प्रत्येक फेरी वाले को 10000 रुपए तक की मदद मिलेगी जिसके लिए योजना की घोषणा अगले 1 महीने के अंदर कर दी जाएगी।
आवास के लिए
- मध्यम वर्ग आय वाले लोगों जिनकी वार्षिक आय 6 लाख से 18 लाख रुपए बीच है उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को 1 साल यानि 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
आदिवासियों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए
- आदिवासियों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।
किसानों के लिए
- नाबार्ड के माध्यम से 30000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल जिससे लगभग 3 करोड़ छोटे और मार्जिनल किसानों को फायदा होगा।
- सभी किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए 2 लाख रुपए का Concessional Credit। मछ्ली पालन और पशुपालन करने वाले किसान भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शामिल किया जाएँगे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पार्ट 2 PDF
आत्मनिर्भर भारत अभियान – मुख्य घोषणाएँ (पार्ट 3)
15 मई 2020 को वित्तमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई कुछ मुख्य घोषणाएँ इस प्रकार हैं।
कृषि और कृषि से जुड़ी सेवाओं के लिए
- कृषि की आधारिक संरचना को मजबूत बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद।
- खाद्य से जुड़े लघु उद्योगों के प्रचार और प्रसार के लिए 10000 करोड़ रुपए की योजना जिसके तहत देश के उत्पादों के बेहतर प्रचार के लिए समूह बनाए जाएँगे।
- 20000 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री मतस्य सम्पदा योजना के लिए जिससे करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। जो लोग मछलीपालन उद्योग में काम करते हैं उनके और उनकी नाव के लिए बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
- पशुधन रोग नियंत्रण योजना के लिए 13000 करोड़ रुपए दिये जाएँगे। देश में प्रत्येक पशु के टीकाकरन के लिए सरकार 13,343 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के रूप में 15000 करोड़ रुपए का प्रावधान। सरकार दूध, घी, पनीर और अन्य दुग्ध उत्पादों के निर्यात के लिए प्रोत्साहन राशि देगी।
- हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 4000 करोड़ रुपए का प्रावधान। देश में करीब 25 लाख एकड़ जमीन हर्बल खेती के उपयोग में लायी जाएगी। हर्बल खेती और औषधीय पौधे लगाने के लिए गंगा नदी के किनारे पर 800 hectares जमीन उपयोग में लायी जाएगी।
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की योजना जिससे देश भर में करीब 2 लाख मधुमक्खी पालन करने वाले लोगों को फायदा होगा।
- ऑपरेशन ग्रीन्स के लिए 500 करोड़ रुपए – पहले से ही लॉंच किए जा चुके ऑपरेशन ग्रीन्स के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान जिसके तहत टमाटर, आलू और प्याज की खेती करने वाले लोगों को इनके परिवहन और स्टोरेज के लिए 50% तक की छूट दी जाएगी।
सरकार और प्रशासनिक सुधार के लिए
- आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन – अब से आगे, अनाज, तिलहन, प्याज, आलू, दाल और खाद्य तेलों को नियंत्रण मुक्त कर दिया जाएगा। स्थापित क्षमताओं के अधीन खाद्य प्रोसेसर के लिए ऐसी कोई स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी। हालाँकि, कुछ प्रावधान हैं जिनमें सरकार मूल्य वृद्धि या प्राकृतिक आपदाओं के मामले में इन फसलों पर कदम उठा सकती है।
- किसानों को आकर्षक कीमतों पर अपनी उपज बेचने का केंद्रीय कानून – इस नए कानून के तहत किसानों को अंतरराज्यीय स्तर पर अपनी फसलों को बेचने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। किसान अपने उत्पाद ऑनलाइन भी बेच सकेंगे।
- सुविधात्मक कानूनी ढांचा – एक नई कार्यप्रणाली को बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों, एग्रीगेटर्स और किसानों के सहयोग से तैयार किया जाएगा ताकि प्रत्येक मौसम की शुरुआत में बुवाई और बिक्री की कीमत के साथ अन्य जानकारी आसानी से दी जा सके।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पार्ट 3 PDF
आत्मनिर्भर भारत अभियान – मुख्य घोषणाएँ (पार्ट 4)
आत्मनिर्भर भारत अभियान के चौथे भाग में केंद्र सरकार 8 क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ये क्षेत्र कोयला, खनिज खनन, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन (हवाई क्षेत्र प्रबंधन, पीपीपी और हवाई अड्डे, एमआरओ हब), विद्युत वितरण क्षेत्र, सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र हैं। जानिए इनसे जुड़ी घोषणाओं के बारे में।
कोयला क्षेत्र के लिए
- पहले कोयला केंद्र सरकार के एकाधिकार वाला उत्पाद था। लेकिन कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एकाधिकार हटा दिया है। यह बाजार की कीमतों पर अधिक कोयला उपलब्धता को बढ़ावा देगा और उदारीकृत संस्थाओं को भाग लेने की अनुमति देगा।
- विश्व में भारत तीसरा सबसे बड़ा कोयला खानों वाला देश है बावजूद इसके भारत कोयले का आयात करता है। सरकार इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए 50,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
खनिज खनन क्षेत्र के लिए
- खनन पट्टों के हस्तांतरण और अधिशेष अप्रयुक्त खनिजों की बिक्री की अनुमति देने के लिए बंदी और गैर बंदी खानों के बीच का अंतर निकालें जिससे खनन और उत्पादन में बेहतर दक्षता आये
- खनिज पट्टों के वितरण के समय की मांग ड्यूटी का रेशनलाइजेशन
- सरकार खनिज सूचकांक के विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
- विकास और रोजगार को बढ़ावा देने और विशेष रूप से अन्वेषण में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लाने के लिए संरचनात्मक सुधार
- एक सहज समग्र अन्वेषण-सह-खनन-सह-उत्पादन रेजीम की शुरुआत
- 500 खनन खण्डों को एक खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा
- एल्युमीनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की सयुंक्त नीलामी की पहल
- एल्युमीनियम उद्योग बिजली की लागत काम करने में मदद करेगा
रक्षा क्षेत्र के लिए
- सरकार उन हथियारों को सूचित करेगा जिनके आयात करने की अनुमति नहीं है। हर साल यह सूची बढ़ाई जाएगी।
- केंद्र सरकार आयातित पुर्जों के स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगा। घरेलू खरीद के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा।
- तीसरा चरण अध्यादेश कारखानों को स्वायत्तता और जवाबदेही प्रदान करना है। अध्यादेश कारखानों के बोर्ड का निजीकरण (निजीकरण नहीं) किया जाएगा।
- Foreign Direcct Investment (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई है। केंद्रीय सरकार समयबद्ध रक्षा खरीद प्रणाली को भी प्राथमिकता देगा।
- अनुबंध प्रबंधन को सहारा देने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) की स्थापना
- हथियारों / प्लेटफॉर्मों के जनरल स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (GSQR) की यथार्थवादी सेटिंग
- परीक्षण और परिक्षण प्रणालियों की ओवरहालिंग
उड्डयन क्षेत्र के लिए
उड़ान लागत में कमी और कुशल हवाई क्षेत्र प्रबंधन के लिए की गयी घोषणाएं
- नागरिक विमानों की उड़ानों के लिए स्वतंत्र रूप से भारतीय हवाई क्षेत्र का 60% उपलब्ध है जिसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
- भारतीय एयर स्पेस के उपयोग पर प्रतिबन्ध को आसान किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो सकें।
- उड्डयन क्षेत्र के लिए हर वर्ष यह लगभग १००० करोड़ रूपये का लाभ लाएगा।
- हवाई क्षेत्र के ऑप्टिमम उपयोग से ईंधन के उपयोग में कमी आएगी और समय की भी बचत होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
- PPE के माध्यम से अधिक विश्व स्तरीय हवाई अड्डों का निर्माण अथवा आधुनिकीकरण।
- AAI ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर ऑपरेशन और रखरखाव के लिए 6 बोलियों में से तीन हवाई अड्डों को चुना है।
- पहले राउंड में 6 हवाई अड्डों का वार्षिक राजस्व 1000 करोड़ रूपये। AAI को 2300 करोड़ रूपये का डाउन पेमेंट भी मिलेगा।
- दुसरे राउंड के लिए छह और हवाई अड्डों की पहचान, बोली की प्रिक्रिया जल्द शुरू।
- पहले और दुसरे राउंड में 12 हवाई अड्डों में निजी क्षेत्र द्वारा लगभग 13000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद।
- अन्य छह हवाई अड्डों को तीसरे चरण के लिए रखा जाएगा।
बिजली वितरण क्षेत्र के लिए
- केंद्र शाषित प्रदेशों में बिजली वितरण और आपूर्ति का सुब-ऑप्टिमम प्रदर्शन
- केंद्र शाषित प्रदेशों में बिजली विभागों / यूटिलिटीज का निजीकरण किया जाएगा
- उपभोगताओं के लिए बेहतर सेवा और वितरण में परिचालन और वित्तीय दक्षता में सुधार होगा
- उपभोगताओं का अधिकार – डिस्कॉम अक्षमताओं से उपभोगताओं पर बोझ नहीं पड़ेगा, डिस्कॉम के लिए सेवा और सम्बद्ध दंड के मानक, डिस्कॉम्स को पर्याप्त पावर सुनिश्चित करने पड़ेगी, लोड-शेडिंग पर दंड
- उद्योग को बढ़ावा – क्रॉस सब्सिडी में प्रगतिशील कमी, खुली पहुँच का समयबद्ध अनुदान, जनरेशन और ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट डेवेलपर्स को प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चुना जाएगा
- सेक्टर की स्थिरता – कोई रेगुलेटरी एसेट नहीं, Gencos का समय पर भुगतान, सब्सिडी के लिए DBT, स्मार्ट प्रीपेड मीटर
सामजिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए
- सुधरी हुई VGF योजना के माध्यम से सामजिक इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा
- सरकार केंद्र और राज्य / सांविधिक निकायों द्वारा VGF के रूप में कुल परियोजना के लागत के 30% तक वियाबिलिटी गैप फंडिंग की मात्रा में वृद्धि करेगी
- कुल परिव्यय 8100 करोड़ रूपये
- केंद्रीय मंत्रालयों / राज्य सरकार / सांविधिक इकाई द्वारा परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएंगी
अंतरिक्ष के क्षेत्र के लिए
अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जो कि इस प्रकार हैं
- उपग्रहों, प्रक्षेपणों, और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में निजी कंपनियों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड।
- निजी क्षेत्र को अनुमानित नीति और विनियमन वातावरण प्रदान किया जाएगा।
- निजी कंपनियों को अपने क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो की सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक सम्पन्तियों का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
- ग्रहों की खोज, बाहरी अंतरिक्ष यात्रा आदि के लिए भविष्य की परियोजनायीं निजी क्षेत्र के लिए ओपन।
- एक उदार भू-शतानीक डेटा नीति के माध्यम से टेक उद्यमियों को रिमोट-सेंसिंग डाटा प्रदान किया जाएगा।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र के लिए
- मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए PPP मोड में अनुसंधान रिएक्टर की स्थापना करना – कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए सस्ते उपचार के माध्यम से मानवता के कल्याण को बढ़ावा देना।
- विकिरण प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा खाद्य संरक्षण के लिए PPP मोड में सुविधाएं स्थापित करना – कृषि सुधारों को सहारा देने के लिए।
- भारत के मजबूत इकोसिस्टम को परमाणु क्षेत्र से जोड़ा जाएगा – प्रौद्योगिकी विकास सह प्रोत्साहन केंद अनुसंधान सुविधाओं और तकनीकी – उद्यमियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किये जायँगे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान पार्ट 4 PDF
आत्मनिर्भर भारत अभियान – मुख्य घोषणाएँ (पार्ट 5 – फ़ाइनल पार्ट)
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो भी घोषणाएँ इस फ़ाइनल पार्ट 5 में की गई हैं वो इस प्रकार हैं।
रोजगार के क्षेत्र के लिए
- रोजगार प्रदान करने के लिए मानरेगा के आवंटन में 400000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी जिससे कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ व्यक्ति दिन बनाने में मदद होगी।
- मानसून के मौसम में प्रवासियों को लौटाने सहित अधिक काम की जरूरत को पूरा करेगा।
- जल संरक्षण परिसंपत्तियों सहित टिकाऊ और आजीविका की अधिक परिसंपत्तियों का निर्माण।
- उच्च उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
स्वास्थय के क्षेत्र के लिए
- पब्लिक स्वास्थय में निवेश बढ़ेगा और स्वास्थय पर सार्वजनिक खर्च बढ़ेगा, आधारभूत स्वास्थय संस्थानों में निवेश, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थय और कल्याण केन्द्रों को मजबूती।
- भविष्य में किसी भी महामारी के लिए भारत को तैयार करना – सभी जिलों में संक्रामक रोग अस्पताल ब्लॉक का अलग से निर्माण होगा, प्रयोगशाला नेटवर्क और निगरानी को मजबूत बनाना।
- अनुसंधान को प्रोत्साहित करना – आईसीएमआर द्वारा “एक स्वास्थय” के लिए नेशनल इन्स्टीट्यूशनल मंच।
- राष्ट्रिय डिजिटल स्वास्थय मिशन: राष्ट्रिय डिजिटल स्वास्थय ब्लूप्रिंट का कार्यान्वयन।
शिक्षा के क्षेत्र के लिए
- पीएम ई-विद्या – डिजिटल / ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सैस के लिए एक कार्यक्रम तुरंत लॉंच किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा के लिए DIKSHA।
- ई-कंटेंट और सभी ग्रेड (एक राष्ट्र और एक डिजिटल प्लेटफार्म) के लिए QR कोडित एनर्जेटिक पाठ्य पुस्तकें।
- पहली से बारहवीं कक्षा तक एक टीवी चैनल (प्रति कक्षा एक चैनल)।
- रेडियो, सामुदायिक रेडियो और पॉडकास्ट का व्यापक उपयोग।
- दृष्टिबाधित और श्रवणबाधित लोगों के लिए विशेष ई-कंटेंट।
- मनोदर्पण – छात्रों, शिक्षकों और परिवारों के मानसिक स्वास्थय हेतु मनोवैज्ञानिक सहयोग के लिए एक पहल तुरंत शुरू की जायेगी।
- स्कूल, प्रारंभिक बचपन और शिक्षकों के लिए नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा शुरू किया जायेग। वैश्विक और 21वीं सड़ी की कौशल आवश्यकताओं के साथ एकीकृत।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक बच्चा 2025 तक ग्रेड 5 में शिक्षा स्तर और परिणाम प्राप्त करे, नेशनल फॉउण्डेशनल लिटरेसी और न्युमेरसी मिशन दिसम्बर 2020 तक लांच किया जाएगा।
ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में वृद्धि के लिए
- दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए न्यूनतम सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रूपये की गयी (जो मोठे तौर पर MSME को अलग करता है)।
- कोड के सेक्शन 240A के तहत MSMEs के लिए विशेष दिवाला संकल्प ढांचा जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।
- महामारी की स्थिति के आधार पर एक वर्ष तक दिवाला कार्यवाही की नयी शुरुआत का निलंबन।
- COVID-19 सम्बंधित ऋण को कोड के तहत इन्सॉल्वेंसी कार्यवाही को चालू करने के लिए “डिफ़ॉल्ट” की परिभाषा से बाहर करने हेतु केंद्र सरकार को एम्पॉवर किया जाएगा।
कॉर्पोरेट्स के लिए ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के लिए
व्यवसाय शुरू करने और इन्सॉल्वेंसी रिजोल्यूशन में रैंकिंग में सुधार ने ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में भारत की रैंकिंग में सुधार में योगदान दिया है
- अनुमेय विदेशी अधिकार-क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक कंपनियों द्वारा सिक्योरिटीज की सीधा लिस्टिंग।
- सीधा स्टॉक एक्सचेंजों पर NCD’s को लिस्ट करने वाली निजी कंपनियों को लिस्टेड कंपनियों के रूम में नहीं माना जाएगा।
- कंपनी एक्ट 2013, में कंपनी अधिनियम, 1956 के भाग IXA (निर्माता कंपनियों) के प्रावधान शामिल।
- NCLAT के लिए अतिरिक्त / विशिष्ट बेंच बनाने की शक्ति।
- छोटी कंपनियों, एक व्यक्ति कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्टअप के लिए सभी चूक के लिए कम दंड।
कंपनी एक्ट में बदलाव
- कंपनी एक्ट में आपराधिक प्रावधानों को कम करना – मामूली तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक (CSR रेपोरिंग में कमियां, बोर्ड रिपोर्ट में कमियां, चूक दायर करना, AGM रखने में देरी) से सम्बंधित कंपनी एक्ट के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाया जाएगा।
- अधिकतर कम्पाउंडेबले आपराधून को आतंरिक स्थगन तंत्र (IAM) में स्थानांतरित किया जाना और कम्पाउंडिंग के लिए RD के शक्तियों को बढ़ाया जाना।
- शंसोधन आपराधिक अदालतों और NCLT को डी-क्लोग कर देगा।
- सात कम्पाउंडेबले अपराधों को पूरी तरह से हटा दिया गया और पांच को वैकल्पिक ढाँचे के तहत निपटाया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के लिए उद्यम नीति में बदलाव
केंद्र के अनुरोध पर RBI द्वारा उढ़ाये गए कदम
राज्य सरकारों का समर्थन करना और राज्य के स्तर पर सुधार लाना
आत्मनिर्भर भारत अभियान पार्ट 5 PDF
आत्मनिर्भर भारत अभियान – लाभार्थियों की सूची
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान में मुख्य रुप से निम्न्लिखित लोगों को लाभ मिलेगा:
- श्रमिक / दिहाड़ी मजदूर
- किसान
- वे लोग जो छोटी-छोटी दुकान लगाते हैं इसमें रेहड़ी, रिक्शा वाले भी शामिल हैं।
- कुटीर उद्योग
- गृह उद्योग
- हमारे लघु-मंझोले उद्योग
- सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs)
- मध्यम वर्ग के लोग
- उच्च वर्ग के लोग जो देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते हैं
आत्मनिर्भर भारत अभियान से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र
– इसमें सबसे पहले कृषि क्षेत्र, खनन क्षेत्र, मत्स्य पालन क्षेत्र शामिल किए हैं।
– दूसरे वो जो निर्माण क्षेत्र, विनिर्माण और उपयोगिताओं के साथ-साथ, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), कुटीर उद्योग आदि जो दिन रात देश के लिए कार्य कर रहें हैं।
– तीसरा सेवा क्षेत्र है जिसमें खुदरा, पर्यटन, बैंकिंग, रियल एस्टेट, मनोरंजन, संचार, आतिथ्य और अवकाश, आईटी सेवाएं आदि शामिल की गई हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ / पिलर्स
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भव्य इमारत इन पांच Pillars पर खड़ी होगी:
- पहला पिलर इकॉनमी
- दूसरा पिलर Infrastructure – एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने
- तीसरा स्तंभ हमारा सिस्टम – एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाला होगा और साथ ही टेक्नोलॉजी ड्रिवेन व्यवस्थाओं पर आधारित होगा।
- चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी – दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी बहुत बड़ी ताकत है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।
- पांचवां स्तंभ डिमांड – हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन को पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में सामान्य प्रश्न उत्तर
1. आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है?
आत्मनिर्भर भारत अभियान 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक नया अभियान है जिसके तहत कोविड-19 महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को हुये नुकसान से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है।
2. आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत देश को आत्मनिर्भर अथवा Self-Reliant बनाना है। आत्मनिर्भर बनाने का मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों का उत्पादन देश में ही हो और सभी भारतवासी अपने देश में बने या अपने देश की कंपनियों द्वारा बनाए गए सामान का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विदेशी उत्पादों / कंपनियों पर देश की निर्भरता को कम से कम करना है।
3. आत्मनिर्भर भारत अभियान के 5 पिलर कौन से हैं?
अर्थव्यवस्था (Economy), आधारिक संरचना (better Infrastructure), प्रणाली (System), जनसांख्यिकी (Demography) और मांग और आपूर्ति (Demand & Supply Chain) इस अभियान के 5 मुख्य पिलर हैं।
4. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार कितने रुपए की आर्थिक सहायता देगी?
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत सरकार 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद करेगी जो कि देश के लगभग 10% जीडीपी के बराबर है। मार्च 2020 में शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी इस पैकेज का हिस्सा होगी।
5. आत्मनिर्भर भारत अभियान का फायदा किस किस को मिलेगा?
देश का प्रत्येक नागरिक – इस अभियान का फायदा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश में सभी तबके के लोगों और उद्योगों को मिलेगा चाहे वो गरीब हो या अमीर, किसान हो या नौकरी वाले, मजदूर हो या मालिक, छोटी कंपनी हो या फिर बड़ी।
6. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कौन कौन से क्षेत्र शामिल होंगे?
आत्मनिर्भर अभियान के तहत कृषि, खनन, मत्स्य पालन, निर्माण, विनिर्माण और उपयोगिताओं के साथ-साथ, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), कुटीर उद्योग, आदि जो दिन रात देश के लिए कार्य कर रहें हैं। सेवा क्षेत्र में खुदरा, पर्यटन, बैंकिंग, रियल एस्टेट, मनोरंजन, संचार, आतिथ्य और अवकाश, आईटी सेवाएं आदि शामिल की गई हैं।
7. आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए एक आम इंसान क्या कर सकता है?
देश की आत्मनिर्भरता इस देश के नागरिकों के आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रकार के लोग चाहे वो दिहाड़ी मजदूर हो या फिर किसी कंपनी का मालिक, कोई छात्र हो या फिर किसान सभी अपना योगदान दे सकते हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबसे आसान काम जो सभी भारतवासी कर सकते हैं वो है के सभी स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें और स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार भी करें। विदेशी कंपनियों के सामान और सेवाओं पर अपनी निर्भरता कम से कम करें। अपने देश के कानून का पालन करके, भ्रष्टाचार रोककर और किसी भी प्रकार की कामचोरी ना करके भी हम सभी इस आत्मनिर्भर भारत अभियान में भागीदार बन सकते हैं।
पीएम मोदी ने सम्बोधन में यह भी कहा की जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं जिससे भारत की प्रशंसा लगभग हर देश में हुई। जिससे हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। उन्होने यह भी बताया की जब कोरोना संकट शुरु हुआ था तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी और ना ही एन-95 मास्क का भारत में उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE किट और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान में 20 लाख करोड़ के पैकेज की तुलना अगर अन्य देशों से करें तो यह जीडीपी के प्रतिशत के लिहाज से कम से कम छह देशों से ज्यादा है। ये देश हैं दक्षिण कोरिया, चीन, यूके, इटली, स्पेन और फ़्रांस यानि इन देशों ने अपनी जीडीपी का इतना हिस्सा COVID-19 से लड़ने के लिए अभी तक नहीं दिया। जबकि जर्मनी द्वारा घोषित पैकेज (जीडीपी का 10.7 प्रतिशत) भी लगभग भारत के बराबर ही है और स्वीडन (12%), अमेरिका (13%) और जापान (21.1%) सरकार द्वारा घोषित कोरोना पैकेज भारत की तुलना में ज्यादा है।
तो चलिये आज हम सभी भारतवासी ये शपथ लें कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अपना भरपूर सहयोग करेंगे। जय हिन्द। जय भारत।

Maine agarbatti company ke liya ek baar loan liya hai, aur one year ho chuka hai kya mai dubra le sakta hu. Mujhe loan ki bahut jarurat hai
Touch with me always
hello main ek computer centre ka owner hu mujhe kis suvidha ke tahat labh mil sakta hai
Aap MUDRA Loan ke tahat apne business ke vistaar ke liye loan le sakte hain
Gram seoni tola post mohgaon kachi teshll Lakhnadon jila seoni madhyprdeshKanahiya
can i take atam nirbhar loan , i m running confectionery shop
me State Bank of India, Branch code 10637, Rajasthan High Court Jaipur me loan ke liya gaya. Me typist Hoon, mujhe laptop, scanner and Zerox machine ke liya loan chahiye tha. Bank ke employee Mr. khan ne yaha kahakar mana kar diya ki loan sirf sarkari nokri walo ko milta he. Now what can I do.
Nahi aisa kuch nahi hai, aap MUDRA Loan ke baare m pata kijiye… You can also apply online, details here https://sarkariyojana.com/pradhan-mantri-mudra-yojana/
detailing about construction labour, what provision made by govt of india for construction labours
Labourer to get free ration for next 2 months, loan scheme would be there very soon.
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अभी इतनी डिटेल्स आई नहीं हैं जैसे ही इस अभियान की डिटेल्स आती हैं, हम इस पेज पर अपडेट करते रहेंगे
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